Amjad Khan Biography in Hindi – अमजद खान जीवनी…
Amjad Khan: अमजद खान का जन्म 1943 में (विभाजन से पूर्व) लाहौर में हुआ था, वह भारतीय फिल्मो में जाने-माने अभिनेता जयंत के पुत्र थे, अभिनेता के रूप में उनकी पहली फिल्म “शोले” थी और यह फिल्म अमजद Amjad Khan को शत्रुघ्न सिन्हा के कारण मिली थी , वास्तव में शोले के गब्बर सिंह की भूमिका पहले शत्रु को ही दी गयी थी परन्तु समयाभाव के कारण इनकार कर दिया तो यह भूमिका अमजद खान को मिल गयी।
Read it: औरंगजेब के बारे में 3 ऐसी बातें

अभिनय की दुनिया में आने से पूर्व अमजद , के.आसिफ के साथ सहायक निर्देशक के रूप में काम कर रहे थे। सहायक के रूप में काम करने के साथ ही उन्होंने पहली बार कैमरे का सामना किया और के.आसिफ की फिल्म “लव एंड गॉड” के बाद अमजद खान Amjad Khan ने चेतन आनन्द की फिल्म “हिंदुस्तान की कसम” में एक पाकिस्तानी पायलट की भूमिका की। ये दोनों ही भूमिकाये ऐसी थी जो न दर्शको को याद रही और न स्वयं अमजद खान को। अंतत “शोले” को ही अमजद की पहली फिल्म मानते है।
- Biography of Amjad Khan
- About Picasso – Picasso was a very famous painter born in Spain.
- kon sa Kam apko kamyabi dega – करियर में कामयाबी के लिए
शोले के अलावा अमजद खान Amjad Khan ने “कुर्बानी” “लव स्टोरी” “चरस” “हम किसी से कम नही ” “इनकार” “परवरिश” “शतरंज के खिलाड़ी” “देस-परदेस” “दादा” “गंगा की सौगंध ” “कसमे-वादे” “मुक्कदर का सिकन्दर” “लावारिस” “हमारे तुम्हारे ” “मिस्टर नटवरलाल” “सुहाग ” “कालिया” “लेडीस टेलर” “नसीब” “रॉकी” “यातना” “सम्राट” “बगावत” “सत्ते पे सत्ता” “जोश” “हिम्मतवाला” आदि सैकंडो फिल्मो में यादगार भूमिकाये की। अमजद खान शराब और अन्य बुरी आद्तो से दूर थे।
Read it: Salman Khan Biography in Hindi
निर्देशन भी किया
अमजद खान ने अपने लंबे करियर में ज्यादातर नकारात्मक भूमिकाएँ निभाईं। अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र जैसे सितारों के सामने दर्शक उन्हें खलनायक के रूप में देखना पसंद करते थे और वे स्टार विलेन थे। इसके अलावा उन्होंने कुछ फिल्मों में चरित्र और हास्य भूमिकाएँ अभिनीत की, जिनमें शतरंज के खिलाड़ी, दादा, कुरबानी, लव स्टोरी, याराना प्रमुख हैं। निर्देशक के रूप में भी उन्होंने हाथ आजमाए। चोर पुलिस (1983) और अमीर आदमी गरीब आदमी (1985) नामक दो फिल्में उन्होंने बनाईं, लेकिन इनकी असफलता के बाद उन्होंने फिर कभी फिल्म निर्देशित नहीं की।
Read it: biography of shahrukh khan in hindi
पिता को माना गुरु
अमजद अपनी सफलता और अभिनेता के करियर को इतनी ऊँचाई देने का श्रेय पिता जयंत को देते हैं। पिता को गुरु का दर्जा देते हुए उन्होंने कहा था कि रॉयल अकादमी ऑफ ड्रामेटिक आर्ट अपने छात्रों को जितना सिखाती है, उससे ज्यादा उन्होंने अपने पिता से सीखा है। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में यदि उन्होंने प्रवेश लिया होता, तो भी इतनी शिक्षा नहीं मिल पाती। उनके पिता उन्हें आखिरी समय तक अभिनय के मंत्र बताते रहे।
Read it: amazon company ke bare me jankari
दरियादिल अमजद
पर्दे पर खलनायकी के तेवर दिखाने वाले अमजद निजी जीवन में बेहद दरियादिल और शांति प्रिय इंसान थे। अमिताभ बच्चन ने एक साक्षात्कार में बताया था कि अमजद बहुत दयालु इंसान थे। हमेशा दूसरों की मदद को तैयार रहते थे। यदि फिल्म निर्माता के पास पैसे की कमी देखते, तो उसकी मदद कर देते या फिर अपना पारिश्रमिक नहीं लेते थे। उन्हें नए-नए चुटकुले बनाकर सुनाने का बेहद शौक था। अमिताभ को वे अक्सर फोन कर लतीफे सुनाया करते थे।
Read it: अच्छे बुरे दोस्तों की पहचान
मृत्यु
एक कार दुर्घटना में अमजद बुरी तरह घायल हो गए। एक फ़िल्म की शूटिंग के सिलसिले में लोकेशन पर जा रहे थे। ऐसे समय में अमिताभ बच्चन ने उनकी बहुत मदद की। अमजद ख़ान तेजी से ठीक होने लगे। लेकिन डॉक्टरों की बताई दवा के सेवन से उनका वजन और मोटापा इतनी तेजी से बढ़ा कि वे चलने-फिरने और अभिनय करने में कठिनाई महसूस करने लगे। वैसे अमजद मोटापे की वजह खुद को मानते थे। उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया था कि- “फ़िल्म ‘शोले’ की रिलीज के पहले उन्होंने अल्लाह से कहा था कि यदि फ़िल्म सुपरहिट होती है तो वे फ़िल्मों में काम करना छोड़ देंगे।” फ़िल्म सुपरहिट हुई, लेकिन अमजद ने अपना वादा नहीं निभाते हुए काम करना जारी रखा। ऊपर वाले ने मोटापे के रूप में उन्हें सजा दे दी। इसके अलावा वे चाय के भी शौकीन थे। एक घंटे में दस कप तक वे पी जाते थे। इससे भी वे बीमारियों का शिकार बने। मोटापे के कारण उनके हाथ से कई फ़िल्में फिसलती गई। 27 जुलाई, 1992 को उन्हें दिल का दौरा पड़ा और दहाड़ता गब्बर हमेशा के लिए सो गया। अमजद ने हिन्दी सिनेमा के खलनायक की इमेज के लिए इतनी लंबी लकीर खींच दी थी कि आज तक उससे बड़ी लकीर कोई नहीं बना पाया है।
डिम्पल कपाड़िया और राखी अभिनीत फ़िल्म ‘रुदाली’ अमजद ख़ान की आखिरी फ़िल्म थी। इस फ़िल्म में उन्होंने एक मरने की हालात में पहुंचे एक ठाकुर की भूमिका निभाई थी, जिसकी जान निकलते-निकलते नहीं निकलती। ठाकुर यह जानता है कि उसकी मौत पर उसके परिवार के लोग नहीं रोएंगे। इसलिए वह मातम मनाने और रोने के लिए रुपये लेकर रोने वाली रुदाली को बुलाता है।
जीवन परिचय | |
---|---|
वास्तविक नाम | अमजद जकारिया खान |
व्यवसाय | अभिनेता और निर्देशक |
प्रसिद्ध भूमिका | गब्बर सिंह (फिल्म- शोले) |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई | से० मी०- 178 मी०- 1.78 फीट इन्च- 5’ 10” |
वजन/भार (लगभग) | 120 कि० ग्रा० |
आँखों का रंग | भूरा |
बालों का रंग | काला |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 12 नवंबर 1940 |
जन्मस्थान | पेशावर, ब्रिटिश भारत (अब पाकिस्तान) |
मृत्यु तिथि | 27 जुलाई 1992 |
मृत्यु स्थान | मुंबई, भारत |
आयु (मृत्यु के समय) | 51 वर्ष |
मृत्यु कारण | दिल का दौरा (एक गंभीर सड़क दुर्घटना के बाद) |
राशि | वृश्चिक |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | मुंबई, भारत |
स्कूल/विद्यालय | सेंट एंड्रयूज हाई स्कूल, बांद्रा, बॉम्बे (अब मुंबई) |
महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | आर.डी नेशनल महाविद्यालय, मुम्बई |
शैक्षिक योग्यता | दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर |
दोस्तों यदि आपको जानकारी अच्छी लगी तो आप इसे शेयर भी करें और अपने सवाल कमेंट में पूछे।
Read it: Aamir Khan Biography in Hindi